औषधालय

संत तुलसीदास के वचन 'परहितसदृश धर्म नहीं भाई' को आत्मसात् करते हुए सिद्धदाता आश्रम में जनसाधारण के स्वास्थ्य लाभ के लिए जनहित स्वास्थ्य सुविधा केन्द्र की स्थापना की गयी है। इसमें योग्य चिकित्सकों के द्वारा लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल की जाती है, और लोकहित और धार्मिक दृष्टि से निरन्तर लोकोपकार के कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है। वहीं सामाजिक दृष्टि से नि:सहाय एवं आर्थिक सुविधाओं से वंचित आम लोगों को भी निशुल्क चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराई जाती है। मानव जीवन के लिए 'पहला सुख निरोगी काया' को ध्यान में रखते हुए शारीरिक सुख सुविधा प्रदान करने के लिए सिद्धदाता आश्रम की जनहित सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में तथा वर्तमान महाराज स्वामी पुरूषोत्तमाचार्य के सफल निर्देशन में जनहित का यह कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। ' सर्वे सन्तु निरामया:' इस वेद वाक्य को ध्यान में रखते हुए' सभी मनुष्य स्वस्थ्य और सुखी हों' इन मान्याताओं को मानने वाले वैकुण्ठवासी पुज्य महाराज स्वामी सुदर्शानचार्य जी ने इस केन्द्र की स्थापना की थी। जिसे अनाहत और अनवरत रूप से लोक कल्याण और जन सेवा के साथ उनके अमूल्य जीवन को आगे बढ़ाते हुए मास के द्वितीय रविवार को विशेष नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर के आयोजन में विशेषज्ञों द्वारा शरीर के सभी मुख्य अंगो का निरीक्षण, परीक्षण एवं औषधि आदि वितरण का कार्य संपन्न किया जा रहा है, जिसमें नजदीक के ग्रामवासी, निर्धनजन, मजदूर आदि आवश्यक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करते हुए रोग मुक्त हो रहे हैं।

गीता में श्रीकृष्ण के वचनों के अनुसार लोक कल्याण करने वाला, लोकहित में अपना योगदान देने वाला कभी भी दुर्गति को प्राप्त नहीं करता है और इसी भावना को आत्मसात् करते हुए इस चिकित्सा केन्द्र का महत्व और भी अधिक होता जा रहा है। यहाँ सैकड़ों रोगी प्रतिदिन अपने रोगों से मुक्ति पाकर आश्रम की यथगाथा सभी दिशाओं मे फैला रहे हैं। अत: यह कार्य सभी के लिए प्रशंसनीय है।

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