सत्संग भवन

दिव्‍य धाम में एक विशाल सत्‍संग भवन का निर्माण भी आचार्यद्वय द्वारा कराया गया। इस सत्‍संग भवन में बैठकर वैकुण्‍ठवासी श्रीमद् जगद्-गुरू रामानुजाचार्य स्‍वामी श्री सुदर्शनाचार्य जी महाराज ने हजारों भक्‍तों को सदमार्ग और नीति की शिक्षा दी। अब यह कार्य अनन्‍त श्री विभूषित इन्द्रप्रस्‍थ एवं हरियाणा पीठाधीश्‍वर श्रीमद् जगद्-गुरू रामानुजाचार्य स्‍वामी श्री पुरूषोत्‍तमाचार्य जी महाराज कर रहे हैं। जिज्ञासु और मुमुक्षुजन को ज्ञान की प्राप्‍ति और संतों का संग मिले, इसके लिए इस सत्‍संग भवन का निर्माण गुरूमहाराज ने करवाया। इस सत्‍संग भवन में बैठकर भगवद्-भक्‍त सत्‍संगत-कीर्तन का लाभ उठाकर अक्षय-पुण्‍य कमाते हैं। यहाँ बैठकर भक्‍ति सत्‍संग में डूबे व्‍यक्‍ति को परमानंद की प्राप्‍ति सहज की सुलभ होती है और वह अपने कष्टों को विस्‍मृत कर जाता है। भगवद्-भक्‍तों को इसी कारण इस सत्‍संग भवन में श्री गुरू महाराज की आध्‍यात्‍मिक वाणी की अनुभूति होती है।

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