श्री गोपुरम
श्री लक्ष्मीनारायण दिव्य धाम में प्रवेश करने के लिए भक्तों को सबसे पहले मुख्य प्रवेश द्वार से गुजरना होता है। इसे वैष्णव धर्म में गो-पुरम् कहा जाता है। इस गोपुरम् को निहारना भी अपने आप में सुखदायी है। गोपुरम् के अंदर भगवान् श्रीमन्नारायाण के 10 अवतारों के श्री विग्रहों के मध्य से गुजरते भक्तों को परम आनंद की प्राप्ति होती है। वैष्णव धर्म में गोपुरम् को भी भगवान के निजधाम की ही संक्षा दी गई है। इसमें से होकर जाते समय भगवान् के श्री विग्रहों को निहारना भी एक सुखद यादगार का निमित्त बनता है। कहा जाता है कि किन्हीं कारणों से मंदिर में प्रवेश से वंचित रहने वाले यदि गो-पुरम् का ही दर्शन कर लें, तो भी उनको मंदिर में दर्शन जैसा की पुण्य प्राप्त होता है। गोपुरम् पर उच्च श्रेणी की शिल्प कला का बेजोड़ नमूना यहाँ पर देखने को मिलता है। आचार्यद्वय ने इस भव्य गो-पुरम् का निर्माण कराकर श्री वैष्णव भक्तों को अपार कृपा की है।