श्री गुरु दरबार

इस देव दरबार में ही बैठकर वैकुण्‍ठवासी श्रीमद् जगद्-गुरू रामानुजाचार्य स्‍वामी श्री सुदर्शनाचार्य जी महाराज ने असंख्‍य लोगों के जीवन को प्रकाशित किया। यह स्‍थान धर्म की मान्‍यताओं और विश्‍वास को और मजबूत आधार प्रदान करता है। बाबा यहाँ पर बैठकर लोगों को अन्‍यान्‍य समस्‍याओं से मुक्‍त करते थे। यहाँ पर आने वालों में बहुत विशेष कहे जाने वाले व्‍यक्‍ति भी शामिल है। अब इस कार्य को श्रीमद् जगद्-गुरू रामानुजाचार्य स्‍वामी श्री पुरूषोत्‍तमाचार्य जी महाराज कर रहे हैं। इस दरबार में आज भी अपनी दुख-तकलीफ से मुक्‍ति के लिए लोग बड़ी दूर-दूर से आते रहे हैं। उनके सामने आते ही व्‍यक्‍ति को जैसे अपनी समस्‍याओं का निराकरण मिल जाता और वह पूर्ण संतुष्‍टि पाकर खुशी-खुशी अपने धर की ओर रवाना होता है। गुरू महाराज का वचन – इस दरबार में आने वाला कभी खाली हाथ नहीं जाएगा, एकदम सटीक है। जिसको मानने वालों की संख्‍या असंख्‍य और अपरिमित है।

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