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दिव्यधाम में प्रथम शैलपुत्री के पूजन के साथ नवरात्र आरंभ
02-04-2022

सूरजकुुंड रोड स्थित श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम (श्री सिद्धदाता आश्रम) में चैत्र नवरात्र के अवसर पर घटस्थापना की गई। इस अवसर पर अधिपति जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने माता के प्रथम शैलपुत्री स्वरूप का पूजन किया और लोककल्याण के लिए प्रार्थना की।

इस अवसर पर श्री गुरु महाराज ने बताया कि माता सभी का कल्याण करने वाली हैं। इसीलिए माता के नवरात्र साल में चार बार आते हैं। लेकिन गृहस्थों के करने के लिए केवल दो नवरात्र चैत्र और शारदीय ही हैं। इन दिनों में हम आद्या शक्ति के नौ रूपों का पूजन करते हैं और उनसे अपने कल्याण के लिए कामना करते हैं। लेकिन जो व्यक्ति अन्य के कल्याण की भी कामना करता है, उसका ध्यान तो माता रानी स्वयं रखती हैं।

उन्होंने बताया कि चैत्र नवरात्र का कई विशेष वजहों से भी बड़ा महत्व माता माना जाता है। इसी दिन से सृष्टि का प्रारंभ माना गया है और इसी दिन से हमारा भारतीय कैलेंडर भी प्रारंभ होता है। इसी दिवस भगवान श्रीराम चंद्र जी का राज्याभिषेक हुआ था। वैसे भी मौसम परिवर्तन होने से भी इस पर्व का हम सबके लिए विशेष महत्व है।

जगदगुरु स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने बताया कि मां आद्या शक्ति सहज की प्रसन्न होने वाली हैं। वह अपने बच्चों की रक्षा करने के लिए तत्पर रहती हैं और हमारे सभी प्रकार के क्लेशों का हनन कर धन, वैभव, ज्ञान, स्वास्थ्य प्रदान करने वाली हैं। उन्होंने बताया कि श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम में इन नौ दिन में माता के विभिन्न स्वरूपों के अनुसार पूजन किया जाएगा। जिसमें बड़ी संख्या में भक्तजन सम्मिलित होंगे।



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