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हीरे से चटनी मत पीसिए : स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य
01-01-2013

फरीदाबाद - मानव जीवन सभी योनियों में सर्व श्रेष्ठ है। लेकिन इस देह को पाने के बाद भी मानव मुक्ति के लिए नहीं मोह के लिए कार्य करता है। ठीक वैसे ही जैसे किसी को हीरा मिल जाए और वह उसका उपयोग चटनी पीसने के लिए करने लगे। यदि सच्चे अर्थों में मानव देह का उपयोग करना चाहते हैं तो लक्ष्मीनारायण की भक्ति और मानवता की सेवा में स्वयं को समर्पित कर दें। यह कहना था अनंत श्री विभूषित इंद्रप्रस्थ एवं हरियाणा पीठाधीश्वर श्रीमद् जगद् गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज का। आचार्य श्री सूरजकुंड बडख़ल रोड स्थित श्री सिद्धदाता आश्रम में नव वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित विश्व कल्याण भक्तिसमागम समारोह में उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कल्याण के लिए आध्यात्म के मार्ग का राही बनना और संस्कारित होना बेहद जरूरी है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में हरियाणा विधानसभा के स्पीकर श्री कुलदीप शर्मा व विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रदेश सरकार के श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री पं. शिवचरण लाल शर्मा भी मौजूद थे। कुलदीप शर्मा ने आश्रम की दिव्यता एवं भव्यता की सराहना करते हुए कहा कि सरकार को ऐसे स्थलों को विकसित करने में अपना सहयोग देना चाहिए। इस मौके पर उपस्थित स्वामी कौशलेंद्र प्रपन्न ने भी श्रद्धालुओं को संबोधित किया। इस अवसर पर आश्रम में भक्तिरस से पूर्ण रंगारंग कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। भक्तजन कई घंटे भजनों पर झूमते रहे और विशाल भंडारे में प्रसाद प्राप्त किया।



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