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मन से किए संकल्प जरूर होते हैं पूरे - जगद्गुरु पुरुषोत्तमाचार
17-05-2013

-सेक्टर 44 स्थित श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम, श्री सिद्धदाता आश्रम में आयोजित छठे ब्रह्मोत्सव के समापन अवसर पर कहे प्रवचन

फरीदाबाद मन से किए संकल्प अवश्य ही पूरे होते हैं और अपने शिष्यों की ऐसी सफलता को देखकर गुरु भी प्रसन्न होते हैं। अनंत श्री विभूषित इंद्रप्रस्थ एवं हरियाणा पीठाधीश्वर श्रीमद् जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने यह प्रवचन श्री लक्ष्मीनारायण दिव्य धाम, सिद्घदाता आश्रम में कहे। मौका था छठे ब्रह्मोत्सव कार्यक्रम के समापन का। जिसमें हजारों की सं या में भक्तों ने शामिल होकर शोभा बढ़ाई। इस अवसर पर करीब 1100 सौभाग्यवती महिलाओं ने कलश यात्रा में भागीदारी की। शोभायात्रा में उत्सव विग्रहों की सुंदर झांकियां भी शामिल थीं।

देर शाम आयोजित प्रवचन में श्रीमद जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य ने कहा कि महाभारत का युद्ध संपन्न होने के बाद हुए ाोज के दौरान भगवान कृष्ण स्वयं ही लोगों की पत्तलें उठाने लगे तो सभी पांडवों को लज्जा हुई और उन्होंने भगवान को ऐसा न करने के लिए प्रार्थना की। तब भगवान ने कहा कि वह मानव तन में होने के कारण कुछ गलतियां कर गए होंगे जिनसे सेवा करके उऋण होना चाहते हैं। इस प्रकार भगवान ने सेवा का महत्व बड़ा बताया। उन्होंने स्त्रीशक्ति की महानता के बारे में भी बताया कि किस प्रकार राजसूर्य यज्ञ करने के बाद भी जब श्रीकृष्ण का दिया शंख नहीं बजा तो पांडवों को यज्ञ की सफलता के बारे में चिंता हुई और वह कंदराओं में बैठे ऋषि से इसका निराकरण पूछा। जिस पर ऋषि ने पांडवों से 50 राजसूर्य यज्ञों का फल दान में मांग लिया और पांडव वापस लौट आए, लेकिन द्रौपदी ने ऋषि से यह ज्ञान सहज ही पता कर लिया। उन्होंने सेवा को सर्वोपरि भी बताया कि सेवा के आधार पर व्यक्ति धर्म और कर्म दोनों का लाभ लेता है। इसके बाद आधी रात तक वृंदावन से आई कलाकारों की टोली श्रीकृष्ण पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देते रहे और भक्त भी मधुर धुनों पर नाचते गाते रहे।

सुबह दिव्यधाम के पीठाधिपति अनंत श्री विभूषित इंद्रप्रस्थ एवं हरियाणा पीठाधीश्वर श्रीमद् जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज ने मंदिर में विराजित सभी उत्सव विग्रहों का अभिषेक किया। इनमें श्री लक्ष्मीनारायण युगल भगवान, श्री राधा कृष्ण, श्री नृसिंह लक्ष्मी, श्री राम दरबार, हनुमान, रामानुज स्वामी, गौरी शंकर, सरस्वती, गणेश, दुर्गा आदि शामिल थे। इसके बाद भक्तों को प्रसाद व आशीर्वाद प्रदान किया गया। दोपहर बाद हुई तैयारियों में देव विग्रहों को विभिन्न प्रकार के इत्र, धूप व गंगाजल से स्नानादि कराया गया और श्रृंगार हुआ। इसके बाद सभी देव विग्रहों को अनेक बग्घियों में बैठाकर झांकी निकाली गई। झांकी के आगे सैकड़ों सौभाग्यवती महिलाओं ने सिर पर कलश उठाए और मंगल की कामना की।

यह झांकी दिव्य धाम सेक्टर 44 से शुरू होकर सेक्टर 21 डी बडखल मोड से होकर वापस दिव्यधाम पहुंचकर संपन्न हुई। झांकी के साथ साथ विशेष आतिशबाजी की गई। इसके अलावा ढोल नगाड़ों की थाप पर नाचते भक्त बड़े ही सुंदर लग रहे थे।

आश्रम में 22 मई को बैकुंठवासी स्वामी की स्मृति में मेडिकल कैंप का आयोजन होगा व 27 मई को उनका जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। जिसमें देश विदेश से हजारों भक्तों के भाग लेने का अनुमान है।



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