श्री सिद्धदाता आश्रम में दीक्षा समारोह संपन्न
18-11-2012

सक्षम गुरु अपने शिष्यों के लिए मोक्ष के रास्ते खोल देते हैं : श्रीमद् जगद्गुरु स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य

फरीदाबाद : अध्यातम बिना गुरु के संभव नहीं है। इसीलिए शास्त्रों में गुरु को तारणहार कहा गया है। यह कहना था अनंत श्री विभूषित इंद्रप्रस्थ एवं हरियाणा पीठाधीश्वर श्रीमद् जगद्गुरु स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य का। वह सूरजकुंड बडख़ल रोड स्थित श्री सिद्धदाता आश्रम में नामदान दीक्षा समारोह में बोल रहे थे। विधि विधान से सम्पन्न हुए श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम में आयोजित इस समारोह में उन्होंने कहा कि जीवन में गुरु धारण करके ही भव सागर को पार किया जा सकता है और सक्षम गुरु नामदान के पश्चात अपने शिष्यों के लिए मोक्ष के रास्ते खोल देते हैं। उन्होंने ग्रंथों के माध्यम से समझाया कि वैष्णव परंपरा में दीक्षित होने वाले व्यक्ति को किसी भी कारण से प्राणवायु निकलने के बाद वैकुंठ की प्राप्ति होती है। श्री गुरु महाराज जी ने हवन आदि पंच विधियों से दीक्षित कर भक्तों के कान में नामदान दिया और बताया कि उन्हें अकाल मौत व किसी भी प्रकार का भय नहीं सताएगा। जिसके बाद भक्तों की प्रसन्नता देखते ही बनती थी। इस अवसर पर पंच विधि से 378 भक्तों ने दीक्षा प्राप्त की। भक्तों में सुबह से ही इस समारोह के प्रति उत्सुक्ता देखी जा रही थी। परिवारों के साथ नामदान लेने पहुंचे श्रद्धालुओं की व्यवस्था बनाने में स्वयं सेवकों के जत्थे श्री के.डी. शर्मा, श्री ज्ञानेन्द्र शर्मा व श्री गोपाल छाबड़ा की देख-रेख में तनमन से लगे हुए थे। श्री डी.सी. तंवर महासचिव ने जानकारी दी कि अगला नामदान दीक्षा समारोह रविवार, 27 जनवरी 2013 को आयोजित होगा।



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