नारायण गौशाला में गोपाष्टमी का भव्य आयोजन
21-11-2012

फरीदाबाद (21 नवंबर 2012): गऊ भारतीय संस्कृति का आधार है। बिना गऊ के भारत की कल्पना भी नहीं की जा सकती। यह कहना था अनंत श्री विभूषित इंद्रप्रस्थ एवं हरियाणा पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज का। महाराज श्री बुधवार को गोपाष्टमी के पर्व पर सूरजकुंड-बडख़ल रोड स्थित नारायण गऊशाला में गौ पूजन के पश्चात बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि गऊ के प्रति उदासीनता का भाव भारतीय संस्कृति के लिए ठीक नहीं है। इस अवसर पर उपस्थित प्रदेश के श्रम एवं रोजगार मंत्री पंडित शिव चरण लाल शर्मा ने भी भारतीय शास्त्रों में वर्णित गऊ के महत्व की चर्चा की और गौ पूजन में हिस्सा लिया। श्री शर्मा ने कहा कि गऊ को मां का दर्जा प्राप्त है और शास्त्रों में वर्णित है कि गऊ में 36 करोड़ देवी-देवताओं का वास है। पूर्णावतार भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं गऊ की सेवा कर गऊ माता के महत्व को रेखांकित किया है। सन 1990 में जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी सुदर्शनाचार्य जी महाराज द्वारा स्थापित इस गऊशाला की हृष्ट-पुष्ट गऊओं को देखकर श्री शर्मा प्रसन्न नजर आए। उनका कहना था कि अक्सर गऊशालाओं में जाना होता है, लेकिन लगभग 400 गायें होने के बावजूद गऊशाला की सफाई व्यवस्था बेहद उत्तम है। गौ शाला की सैकड़ों गायों का इस अवसर पर विधि-विधान से पूजन किया गया। गऊ पालकों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सैकड़ों की तादाद में श्रद्धालु मौजूद थे।



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