सिद्धदाता के स्वयंसेवकों ने रात के अंधेरे में बांटे कंबल
25-12-2021

श्री सिद्धदाता आश्रम के स्वयंसेवक सर्दियों की ठिठुरन खुले में बिताने को मजबूर लोगों को रात में कंबल ओढ़ाते दिखे। उन्होंने खुले में ठिठुर रहे लोगों को बिना बताए कंबल ओढ़ाए और उनके कुशलक्षेम के लिए प्रार्थना की।

आश्रम के अधिपति जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज के निर्देश पर स्वयंसेवकों की टोली रात के अंधेरे में निकली और उन्होंने हाइवे पर जरूरतमंदों के स्थानों को टटोला। जहां तहां चौराहों, फुटओवर ब्रिज, मेट्रो स्टेशनों के नीचे उपलब्ध साधनों में ठिठुरने को मजबूर लोगों को कंबल ओढ़ाना शुरू किया। कोई कोई व्यक्ति अचानक भार पडऩे से चौंक जाता कि रात में कौन परेशान करने आ गया। स्वयंसेवक हाथ जोडक़र कहते कि, भईया कंबल ओढ़ा रहे हैं, माफ करना परेशान मत होओ। किसी किसी के जुड़ते हाथ देखकर लगता कि क्यों समाज में इतनी असमानता है। लेकिन होनी होकर रहती है। यह परिश्रम घंटों चला जिसमें सैकड़ों लोगों को थोड़ी राहत प्रदान करने का प्रयास संभव हो सका।

स्वामीजी बताया कि सभी को अपने प्रारब्ध कर्म भोगने होते हैं लेकिन सक्षम व्यक्तियों को जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। पुण्य कमाने और अपने नकारात्मक प्रारब्ध कर्मों को काटने के लिए दान सबसे बड़ा माध्यम है। उन्होंने बताया कि समाज के हर वर्ग को अपनी सामथ्र्य के अनुसार दान अवश्य ही करना चाहिए। इससे भी समाज में व्याप्त असमानता घटेगी।



लिस्टिंग के लिए वापस


Site by Magnon\TBWA