थोड़े से भाव में प्रसन्न हो जाते हैं भगवान महादेव - स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य
01-03-2022
महाशिवरात्रि के अवसर पर श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम श्री सिध्ददाता आश्रम में भव्य आयोजन संपन्न हुआ। इस अवसर पर अधिष्ठाता श्रीमद जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने भगवान शिव के मूर्त रूप का अभिषेक किया और भक्तों को आशीर्वाद एवं प्रसाद प्रदान किया।
इस अवसर पर श्री गुरु महाराज ने कहा कि भगवान महादेव शंकर थोड़े से भाव में प्रसन्न होने वाले देवता हैं। वह जल्द ही प्रसन्न होकर अपने भक्तों को तीनों लोक का साम्राज्य दे देते हैं। ऐसे भगवान शंकर की आराधना सहज ही शुभ फल प्रदान करने वाली है। हमें भगवान शंकर का पूजन, प्रार्थना अवश्य करनी चाहिए। स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने कहा कि श्री गुरु महाराज के आदर्श वाक्य भाव में ही भाव है मेरा, को भगवान शंकर के चरित्र के साथ जोड़कर भी देखा जा सकता है। वह अपने साथ यथा भाव रखने वाले भक्तों को यथा आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
उन्होंने कहा कि महाशिवरात्रि के पर्व को आस्था और विश्वास के साथ मनाने वाले भक्तों की मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होती हैं। इस पूजन को श्री सिध्ददाता आश्रम में स्थापना काल से ही मनाया जाता है। जिसमें भक्तों की सहभागिता हजारों की संख्या में होती है।
इस अवसर पर श्री गुरु महाराज ने सभी भक्तों को प्रसाद एवं आशीर्वाद प्रदान किया वहीं भक्तों ने भोजनप्रसाद भी सुरुचि के साथ प्राप्त किया। इससे पहले उन्होंने श्री गुरु महाराज की समाधि एवं दिव्य धाम में भी पूजा अर्चना की। उन्होंने भगवान शंकर के मूर्त रूप कासविधि गंगा जल, दूध, शक्कर, शहद आदि के साथ अभिषेक किया। जिसे पंचामृत रूप में भक्तों में भी वितरित किया गया। इस अवसर पर भक्तों ने भी भगवान का गंगाजल द्वारा अभिषेक किया और स्वयं को धन्य माना। इस अवसर पर भजन, कीर्तन का भी समायोजन हुआ।