श्री सिद्धदाता आश्रम में पांच दिवसीय पन्द्रहवां ब्रह्मोत्सव प्रारंभ
03-05-2022

श्री सिद्धदाता आश्रम में पांच दिवसीय 15वां ब्रह्मोत्सव समारोह आज विधि नियम अनुसार प्रारंभ हुआ। यह आयोजन सात मई तक चलेगा जिसमें दक्षिण भारत से आए श्री रामानुज संप्रदाय के विद्वान पांच दिन तक पूजन, हवन, भंडारा, रथयात्राओं आदि का आयोजन करवाएंगे।

दक्षिण भारतीय रामानुज मत को मानने वाले श्री सिद्धदाता आश्रम में अधिपति श्रीमद जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज के सान्निध्य में आज ब्रह्मोत्सव का आयोजन प्रारंभ हुआ जिसमें अंकुरारोपण, ध्वजारोहण, अग्नि प्रतिष्ठा, भेरी पूजा एवं देवता आवाहन का आयोजन हुआ। विशिष्ठ दक्षिण शैली में पुरोहितों ने पूजन किया। देवता आवाहन के बाद यहां अगले चार दिन भगवान का विभिन्न प्रकार से पूजन किया जाएगा।

इसमें चार मई को सुदर्शन यज्ञ, पांच मई को भगवान श्री लक्ष्मीनारायण का विवाहोत्सव, छह मई को श्री रामानुज जयंती पर महा अभिषेक एवं शोभायात्रा और सात मई को भगवान श्री लक्ष्मीनारायण एवं अन्य सभी देव विग्रहों के साथ विशाल शोभायात्रा तदुपरांत सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रवचन एवं भंडारा का आयोजन किया जाएगा। इसमें छह और सात मई को विशाल कलश यात्रा भी निकाली जाएगी जिसके लिए सौभाग्यवती महिलाएं सैकड़ों की संख्या में कलश उठाकर शोभायात्रा में भागीदारी करेंगी।

श्री वैष्णव परंपरा में ब्रह्मोत्सव को एक प्रकार के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस आयोजन के माध्यम से भगवान एवं अन्य देवी देवताओं के विग्रहों को पुन: शक्ति संपन्न किया जाता है। श्री सिद्धदाता आश्रम के ब्रह्मोत्सव की शुरुआत प्रति वर्ष अक्षय तृतीया के दिन होती है और यह आयोजन पांच दिन चलता है। आश्रम के अधिष्ठाता श्रीमद जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने बताया कि आश्रम के ब्रह्मोत्सव में शामिल होने के लिए भक्तगण पूरे वर्ष प्रतीक्षा करते हैं। इसलिए इस आयोजन के लिए तैयारियां भी विशिष्ट होती हैं जिन्हें पूरा करने के लिए भक्त परिवार आयोजन से पूर्व काफी समय से जुटे रहते हैं। उन्होंने सभी क्षेत्रवासियों से इस आयोजन में बढ़ चढक़र भागीदारी करने के लिए कहा।



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