समर्पण के अनुपम उदाहरण हैं हनुमान जी : स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज
25-04-2013
हनुमान जयंती पर श्री सिद्धदाता आश्रम में भव्य सतसंग
फरीदाबाद (२५ अप्रैल 2013) : हनुमानजी ने बल, बुद्धि, भक्ति एवं समर्पण का जो आदर्श स्थापित किया है उससे आज के जीवन में
प्रेरणा लिए जाने की आवश्यकता है। यह कहना था अनंत श्री विभूषित इंद्रप्रस्थ एवं हरियाणा पीठाधीश्वर श्रीमद् जगद् गुरु स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज का। आचार्य श्री गुरुवार को हनुमान जयंती के पावन अवसर पर श्री सिद्ध दाता आश्रम, श्रीलक्ष्मीनारायण दिव्यधाम में आयोजित भव्य सतसंग समारोह में भक्तों को संबोधित कर रहे थे। आचार्य श्री ने कहा कि हनुमान जी शरणागति के अनुपम उदाहरण हैं। अपने इष्ट के प्रति स्वयं को समर्पित कर देने से हर प्रकार की बाधाएं अपने आप दूर हो जाती हैं। आधुनिक तनावग्रस्त जीवन शैली में ईश्वर के प्रति स्वयं को समर्पित किए जाने से बेहतर कोई मार्ग नहीं हैं। उन्होंने भक्तों से कहा कि आप स्वयं को, बिना किसी कामना के समर्पित करके तो देखिए आप पाएंगे कि धर्म,अर्थ,काम,मोक्ष आदि किसी भी पुरुषार्थ की कमी जीवन में नहीं रहेगी।। इस अवसर पर बड़ी तादाद में देश-विदेश से आए श्रद्धालु उपस्थित थे।