तमोगुण संहारक महादेव का करें अभिषेक : स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य
05-08-2013

भगवान नारायण ने अपनी त्रिगुणी मायाशक्ति से शिव (संहारक) को उत्पन्न किया। जिससे संतप्त जीव अनेकानेक कष्टों और बुराइयों से मुक्ति पा सके। आज शिवरात्रि के दिन हमें महादेव के इसी संहारक स्वरूप को समझना होगा तभी हमारे द्वारा किया उनका अभिषेक फलदायी होगा। यह कहना था अनंत श्री विभूषित इंद्रप्रस्थ एवं हरियाणा पीठाधीश्वर श्रीमद् जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज का। वह शिवरात्रि के अवसर पर सेक्टर 44 सूरजकुंड रोड स्थित श्री सिद्धदाता आश्रम श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम में भक्तों को आशीर्वाद दे रहे थे।

इस अवसर पर स्वामीजी ने कहा कि भगवान नारायण की त्रिगुणी शक्ति से उत्पन्न महादेव शंकर की उपासना इसलिए महत्वपूर्ण है कि हम अपने अंदर के तमोगुणी विचारों का अंत करें। वह महादेव हमारे तमोगुणी विचारों से उत्पन्न हुए कष्टों को हर लें। शिव का नाम ही भक्त के ताप हरने वाला है। वह भक्त को पापों से रहित कर वैकुंठलोक जाने के लिए निर्मल बनाते हैं। उन्होंने भक्तों को सावन, सोमवार और शिवरात्रि के एक ही दिन होने को विशेष संयोग बताया। उन्होंने बताया कि शिव चौदस के दिन सूर्य बुद्ध की युति चंद्रमा पर पूरे 102 वर्ष बाद हो रही है जिससे यह बड़ा कल्याणकारी योग है। इस दिन निर्धारित लक्ष्य अवश्य ही प्राप्त होंगे।

श्री सिद्धदाता आश्रम में सुबह से ही भक्तों का तांता लगना शुरु हो गया था। स्वामी मधुसूदनाचार्य जी महाराज ने भगवान महादेव का बिल्व पत्र, दुग्ध, सुगंध आदि से अभिषेक किया। जिसके बाद दूर दराज से आए कांवडि़ओं ने गंगाजल से भगवान शंकर का अभिषेक किया व गुरु रूप में श्रीमद् जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज के चरण पखारे। यहां पर सैकड़ों की संख्या में कांवडिय़ों, उनके परिजनों, शिष्य परिवारों व भक्तजनों ने भगवान का अभिषेक कर परम फल की प्राप्ति की प्रार्थना की। गौरतलब है कि श्री रामानुजाचार्य संप्रदाय में पिंडी का अभिषेक वर्जित होने से इस तीर्थ स्थल पर भगवान शंकर के मूर्त रूप का पूजन किया जाता है। जो वास्तव में अनोखा अनुभव देता है।



लिस्टिंग के लिए वापस


Site by Magnon\TBWA