मां के आशीर्वाद के बिना विजय नहीं - स्वामी पुरुषोत्तमाचार
13-10-2013

श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम में जुटे हजारों भक्तों को मिला आशीर्वाद, प्रवचन व भंडारा

फरीदाबाद: मां की कृपा के बिना सब जप, तप आदि विफल हो जाता है। संसार में जन्म देने वाली मां और आद्या शक्ति मां दोनों की कृपाओं को पाने के लिए उनकी आराधना जरूर करनी चाहिए। इसे अपने जीवन में ढ़ालने के लिए आज से बड़ा शुभ दिन और क्या होगा, जब एक ही दिन मां सिद्धिदात्री का दिन, श्रीराम नवमी व दशहरा है। यह वचन श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम श्री सिद्धदाता आश्रम के अधिपति अनंत श्री विभूषित इंद्रप्रस्थ एवं हरियाणा पीठाधीश्वर श्रीमद् जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य ने कहे। मौका था दिव्यधाम में दशहरा महोत्सव का।

अपने प्रवचन में महाराजश्री ने कहा कि मां के आशीर्वाद के बिना किसी भी कार्य में विजय हासिल नहीं होती है। वह आद्या शक्ति पुकारने पर ब्रह्मा जी को मधु कैटभ से बचा सकती हैं तो क्या हमें नहीं बचाएंगी। वह अपनी त्रिगुणी शक्तिरूप में परमात्मा की नारायण की संगिनी हैं। उन्होंने कहा कि महालक्ष्मी शुद्ध हृदयवालों के यहां बुद्धि, कुलीन भक्तों के यहां लज्जा के रूप में निवास करती है। वहीं पापात्माओं के यहां पर पापमयी संपत्ति के रूप में रहती है। उन्होंने बताया कि दो गुप्त और दो प्रत्यक्ष नवरात्रों में से यह शारदीय नवरात्रों का महत्व अधिक बताया गया है। इन दिनों में मां के नाम का स्मरण करने वालों के जीवन में धन धान्य, पुत्र पौत्र आदि सभी प्रकार की कामनाओं की पूर्ति होती है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। लेकिन ध्यान रखें कि हम जन्म देने वाली मां के हृदय को दुखाकर या उन्हें किसी भी प्रकार से उपेक्षित या प्रताडि़त कर किसी प्रकार का धर्म नहीं कमा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि आज का दिन परमकल्याणकारी हो इसके लिए मैं मंगलाशासन करता हूं। आज के दिन जिस प्रकार श्रीराम ने रावण नाम के राक्षस को समाप्त किया था, आप लोग भी अपने अंदर की बुराइयों को छोडऩे का प्रण लें क्योंकि रावण नाम बुराई का है। इससे पहले उन्होंने भक्तों के साथ हवन किया और लोकमंगल की कामना की। इस अवसर पर जयपुर से आए गायक संजय पारिख ने सुमधुर भजनों पर भक्तों को खूब झुमाया। यहां सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ जुटने लगी थी। जिन्होंने घंटों तक प्रवचन, भजन व भंडारे का आनन्द उठाया।



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