देशभक्ति की भावना के बिना राष्ट्र की प्रगति नहीं - स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य
01-01-1970

फरीदाबाद। देशभक्ति की भावना के बिना किसी भी देश की तरक्की नहीं हो सकती है व उस राष्ट्र की संप्रुभता भी अक्षुण्ण नहीं रह सकती है। यह कहना था श्रीमद जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज का। वह श्री सिद्धदाता आश्रम, श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम स्थित स्वामी सुदर्शनाचार्य वेद वेदांग संस्कृत महाविद्यालय में आयोजित गणतंत्रता दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।

इस अवसर पर श्री गुरूजी- स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने कहा कि धार्मिक व्यक्ति स्वभाव से ही राष्ट्रभक्त होगा, इसमें कोई संदेह नहीं है। धर्म को निबाहने वाला अपने हर कर्म व कर्तव्य को सही से निबाहता है। धर्म व्यक्ति को जीने का रास्ता बताता है जिसमें राष्ट्र व समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को जीना भी सम्मिलित है। उन्होंने महाविद्यालय परिसर में राष्ट्र की शान तिरंगा फहराया व सभी को गणतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं व प्रसाद भी प्रदान किया। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने भी संस्कृत एवं हिंदी भाषा में राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत कार्यक्रम प्रस्तुत किए, जिन्हें सभी ने सराहा। उन्होंने वेदों व अन्य धार्मिक ग्रंथों की ऋचाओं के माध्यम से देशभक्ति पर प्रकाश डाला। स्वामी जी ने उत्कृष्ट प्रस्तुति देने वाले विद्यार्थियों को विशेष प्रमाणपत्र व पुरस्कार प्रदान किए।

दिव्यधाम में आयोजित साप्ताहिक स्वास्थ्य जांच शिविर में ३५८ लोगों ने लाभ उठाया। शिविर में डॉ. एस डी चौधुरी, शिव नारायण, एस आर मीणा, डॉ. ए बी चटर्जी, डॉ. पूजा आदि ने अपना सहयोग दिया। स्वामीजी ने सभी को स्वास्थ्य का महत्व बताया और आशीर्वाद एवं प्रसाद प्रदान किया।

 



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